चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो,
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो
खुशियां हैं ये मेरी जिंदगी की, इन्हे एक एक करके मत चुनो
माना जिन्दगी बनकर शामिल हो मैं तुम्हारी जिंदगी में,
माना तुम्हे फिक्र हैं मेरी
तुम्हे बे-पनाह प्यार हैं मुझसे
मुझे कोई और देखे, प्यार करे या मुझे पूछे,
तो पसंद नहीं तुम्हे,
जानती हू तुम्हे बुरा लगता हैं
मेरा किसी और से हंसकर बातें कर लेना, किसी का हाल ले लेना
किसी को ये बता देना कि आज मैं कैसी हूँ
किसी से ये पूछ लेना कि आज वो खुश क्यों है
सपना था मेरा दुनिया घूमे का
माँ से कहती तो माँ कहती थी अपने पति के साथ जाना
और तुम कहते हो, कि अपने माँ बाप के साथ जाना था न
शादी के बाद कोई सपने नहीं होते
किचन और ससुराल के काम ही सिर्फ अपने होते हैं
तो सच कह दो न, कि नहीं कर सकते तुम दोनों मिल के मेरे सपने
पुरे,
नहीं घुमा सकते हो मुझे दुनिया, नहीं सकते मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी
अरे तो इसमें शर्म या घबराने की कोई बात नहीं हैं
मैं समझती हूँ ये इतना आसान नहीं
पर एक बार ही सही जरा तुम भी तो समझो मुझे
मैं भी जीवन में कुछ बनना चाहती थी
माँ पापा को बहुत समझाया पर वो नही माने
कहते थे जो करना अपने ससुराल जा कर करना,
"वही जाकर कलेक्टर बनना"
ये जिंदगी की आस बचपन से सबने तुमसे ही दिलाई
अब अगर तुम भी मुकर जाओगे तो मैं कहा जाऊ
नहीं तो उन लाखों औरतों की तरह खुद में ही घुट-घुट कर दिन-दिन
मर जाऊं???
तुम्हारी अर्धांगिनी हूँ मैं
मुझपर इतना तो यकीन रखो
फेरो की कसमों का लाज हैं मुझे
पर उन जायज कास्मो के बीच अपने न-जायज सोच को तो
मत लाओ?
एक बार दिल पर हाथ रखो और मुझे बताओ
तुम्हारे सपनो बिच,
मैं आती तो क्या तुम वही रूक जाते???
......,.......
ये जिंदगी दोनों की आधी-आधी हैं,
तो क्यों मन ही मन एक दूजे को खुद का ही दुश्मन बनाए
चलो न एक दूजे की बाहों में आखरी लमहे तक साथ निभाए
कुछ तुम कहो, कुछ हम सुनाये
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो,
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो!!!!
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो
खुशियां हैं ये मेरी जिंदगी की, इन्हे एक एक करके मत चुनो
माना जिन्दगी बनकर शामिल हो मैं तुम्हारी जिंदगी में,
माना तुम्हे फिक्र हैं मेरी
तुम्हे बे-पनाह प्यार हैं मुझसे
मुझे कोई और देखे, प्यार करे या मुझे पूछे,
तो पसंद नहीं तुम्हे,
जानती हू तुम्हे बुरा लगता हैं
मेरा किसी और से हंसकर बातें कर लेना, किसी का हाल ले लेना
किसी को ये बता देना कि आज मैं कैसी हूँ
किसी से ये पूछ लेना कि आज वो खुश क्यों है
सपना था मेरा दुनिया घूमे का
माँ से कहती तो माँ कहती थी अपने पति के साथ जाना
और तुम कहते हो, कि अपने माँ बाप के साथ जाना था न
शादी के बाद कोई सपने नहीं होते
किचन और ससुराल के काम ही सिर्फ अपने होते हैं
तो सच कह दो न, कि नहीं कर सकते तुम दोनों मिल के मेरे सपने
पुरे,
नहीं घुमा सकते हो मुझे दुनिया, नहीं सकते मेरी सारी ख्वाहिशें पूरी
अरे तो इसमें शर्म या घबराने की कोई बात नहीं हैं
मैं समझती हूँ ये इतना आसान नहीं
पर एक बार ही सही जरा तुम भी तो समझो मुझे
मैं भी जीवन में कुछ बनना चाहती थी
माँ पापा को बहुत समझाया पर वो नही माने
कहते थे जो करना अपने ससुराल जा कर करना,
"वही जाकर कलेक्टर बनना"
ये जिंदगी की आस बचपन से सबने तुमसे ही दिलाई
अब अगर तुम भी मुकर जाओगे तो मैं कहा जाऊ
नहीं तो उन लाखों औरतों की तरह खुद में ही घुट-घुट कर दिन-दिन
मर जाऊं???
तुम्हारी अर्धांगिनी हूँ मैं
मुझपर इतना तो यकीन रखो
फेरो की कसमों का लाज हैं मुझे
पर उन जायज कास्मो के बीच अपने न-जायज सोच को तो
मत लाओ?
एक बार दिल पर हाथ रखो और मुझे बताओ
तुम्हारे सपनो बिच,
मैं आती तो क्या तुम वही रूक जाते???
......,.......
ये जिंदगी दोनों की आधी-आधी हैं,
तो क्यों मन ही मन एक दूजे को खुद का ही दुश्मन बनाए
चलो न एक दूजे की बाहों में आखरी लमहे तक साथ निभाए
कुछ तुम कहो, कुछ हम सुनाये
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो,
चलो आज कुछ मैं कहती हूँ, और तुम सुनो!!!!
,............ Like that ❤😘
It's Ayu.......
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