सुनो मै समझती हू तुम्हारी माँ को अपनी माँ,
रखूँगी ख़याल जैसा तुम चाहते हो,
उनकी पसंद का खाना खिलाउंगी,
बीमार पड़े तो उनकी बच्चो की तरह सेवा करुँगी,
उनकी हर एक ख्वाहिस और जिद्द को पूरी करने की कोशिश करूंगी,
उनके लिए नहीं बल्कि उनके साथ रहूंगी,
तुम न होंगे तो भी उनकी बेटी और बेटा उनके लिए बन जाऊंगी,
माना खून का रिश्ता न होगा हमारा,
तो क्या हुआ दिल तो जुड़े होंगे हमारे,
अगर वो नाराज भी होती हैं तो बहस न करके चुप चाप मुस्कुरा लिया करूँगी,
जैसा रिश्ता मेरा मेरी माँ के साथ हुआ करता हैं,
उनकी डांट सुनने के बाद खुद हंस कर उन्हें भी हँसा दिया करती हु,
ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता तुंहारी माँ से भी बना लिया करूँगी!
यही चाहते हो न तुम, तो चलो दिल से मजूर हैं मुझे
तुम्हारी ये सारी जायज शर्ते😊
पर क्या यही सारी शर्ते तुम्हे भी कुबूल हैं,
मेरी माँ के लिए_
रोज़ मिल न पाओ तो भी फोन करके उनका हाल चाल ले लिया करना,
अगर उन्हें तुम्हारी जरूरत हैं तो उनके लिए हमेशा मौजूद रहना
उनकी तबियत नासुर रहती हैं,
जरूरत के वक़्त एक बेटा बनकर दवाखाने ले जाया करना,
चलो हफ्ते में नहीं पर महीने ही सही,
उन्हें भी अपनी
माँ की तरह कही सैर के लिए ले जाया करना,
माँ के नाम पर जो आज एक सारी खरीदकर ले आते हो
कल से दो ले आया करना,
तुम तो अपनी माँ के सीने से रोज़ लग सकते हो,
पर माँ से जब उनका मन हो मिला दिया करना
अगर न हो मुमकिम तो खुद जाकर उनके सीने लग लिया करना,
जैसे तुम्हारी माँ के लिए तुम्हे एक बहू नहीं बेटी चाहिए,
वैसे ही तुम भी मेरी माँ के दामाद नहीं बेटा बन जाया करना,
क्युकी उनके घर का बेटा अब तुम्हारे घर की बेटी बन गई हैं
तो वो अगर गुस्से में कुछ कह भी देती हैं तो
मुस्कुरा कर गले लगा लेना,
बस ज्यादा नहीं माँगा है तुमने मुझसे और मैंने तुमसे,
प्यार अगर गहरा हैं और सम्मान अगर सच्चा हैं,
तो चलो हम एक दूजे के फैसले का सम्मान करेंगे,
हैं तुम्हे भी मेरी मेरी शर्तें मंजूर,
तो चलो अगले लगन में हम दोनों विवाह करेंगे,
इस अनोखे रिश्ते की प्रेम के साथ शुरुवात करेंगे!!!
तुम्हारी प्रिये!!!
It's Ayu!!!
रखूँगी ख़याल जैसा तुम चाहते हो,
उनकी पसंद का खाना खिलाउंगी,
बीमार पड़े तो उनकी बच्चो की तरह सेवा करुँगी,
उनकी हर एक ख्वाहिस और जिद्द को पूरी करने की कोशिश करूंगी,
उनके लिए नहीं बल्कि उनके साथ रहूंगी,
तुम न होंगे तो भी उनकी बेटी और बेटा उनके लिए बन जाऊंगी,
माना खून का रिश्ता न होगा हमारा,
तो क्या हुआ दिल तो जुड़े होंगे हमारे,
अगर वो नाराज भी होती हैं तो बहस न करके चुप चाप मुस्कुरा लिया करूँगी,
जैसा रिश्ता मेरा मेरी माँ के साथ हुआ करता हैं,
उनकी डांट सुनने के बाद खुद हंस कर उन्हें भी हँसा दिया करती हु,
ऐसा ही एक प्यारा सा रिश्ता तुंहारी माँ से भी बना लिया करूँगी!
यही चाहते हो न तुम, तो चलो दिल से मजूर हैं मुझे
तुम्हारी ये सारी जायज शर्ते😊
पर क्या यही सारी शर्ते तुम्हे भी कुबूल हैं,
मेरी माँ के लिए_
रोज़ मिल न पाओ तो भी फोन करके उनका हाल चाल ले लिया करना,
अगर उन्हें तुम्हारी जरूरत हैं तो उनके लिए हमेशा मौजूद रहना
उनकी तबियत नासुर रहती हैं,
जरूरत के वक़्त एक बेटा बनकर दवाखाने ले जाया करना,
चलो हफ्ते में नहीं पर महीने ही सही,
उन्हें भी अपनी
माँ की तरह कही सैर के लिए ले जाया करना,
माँ के नाम पर जो आज एक सारी खरीदकर ले आते हो
कल से दो ले आया करना,
तुम तो अपनी माँ के सीने से रोज़ लग सकते हो,
पर माँ से जब उनका मन हो मिला दिया करना
अगर न हो मुमकिम तो खुद जाकर उनके सीने लग लिया करना,
जैसे तुम्हारी माँ के लिए तुम्हे एक बहू नहीं बेटी चाहिए,
वैसे ही तुम भी मेरी माँ के दामाद नहीं बेटा बन जाया करना,
क्युकी उनके घर का बेटा अब तुम्हारे घर की बेटी बन गई हैं
तो वो अगर गुस्से में कुछ कह भी देती हैं तो
मुस्कुरा कर गले लगा लेना,
बस ज्यादा नहीं माँगा है तुमने मुझसे और मैंने तुमसे,
प्यार अगर गहरा हैं और सम्मान अगर सच्चा हैं,
तो चलो हम एक दूजे के फैसले का सम्मान करेंगे,
हैं तुम्हे भी मेरी मेरी शर्तें मंजूर,
तो चलो अगले लगन में हम दोनों विवाह करेंगे,
इस अनोखे रिश्ते की प्रेम के साथ शुरुवात करेंगे!!!
तुम्हारी प्रिये!!!
It's Ayu!!!
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